- सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी 31 आरोपियों को भेजा जेल, 5 साल से चल रही थी गवाही
- व्यापमं मामलों की सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जस्टिस एसबी साहू की अदालत में चल रही है
भोपाल. व्यापमं की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में गड़बड़ी करने वाले सभी 31 आरोपियों को अदालत ने दोषी माना है। सीबीआई की विशेष अदालत इस मामले में सजा का ऐलान 25 नवंबर को करेगी। विशेष न्यायाधीश एसबी साहू ने तब तक सभी आरोपियों को सेंट्रल जेल भेजने के आदेश दिए।
2013 में हुई पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज होने के कुछ समय बाद, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापमं से जुड़े मामलों की जांच एसटीएफ से लेकर, सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआई ने इस केस में 31 लोगों को आरोपी बनाया था। इस मामले में गवाही 2014 में शुरू हुई थी, जो 5 साल चली।
फर्जी परीक्षार्थी को 7 साल की जेल
सीबीआई की विशेष अदालत ने व्यापमं की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा- 2016 में फर्जी परीक्षार्थी के तौर पर शामिल होने वाले आरोपी शिवरतन सिंह तोमर को 7 साल की जेल और 6 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। इसी मामले के एक और आरोपी जुगराज सिंह गुर्जर को अदालत ने 28 फरवरी 2019 को फरार घोषित कर दिया था। यह सजा बुधवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने सुनाई।
दूसरे नाम से परीक्षा में बैठने की कोशिश कर रहा था शिवरतन
आरोपी शिवरतन सिंह 6 अगस्त 2016 को हुई पुलिस भर्ती परीक्षा में वास्तविक परीक्षार्थी जुगराज सिंह के स्थान पर परीक्षा देने पहुंचा था। परीक्षा का केंद्र खजूरी थाना क्षेत्र स्थित विद्यापीठ इंस्टीट्यूट ऑफ सांइस एंड टेक्नालॉजी को बनाया गया था। सेंटर पर उसने खुद को जुगराज बताते हुए परीक्षा में बैठने की कोशिश की थी। सीबीआई कोर्ट ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर शिवरतन सिंह को दोषी माना।