छोटे-बड़े तालाबों में मिल रहे सीवेज को रोकने 23 जगह बनेंगे एसटीपी

             तालाबों की सेहत की खातिर निगम ने जिला प्रशासन से मांगी जमीन



भोपाल. बड़े तालाब, छोटे तालाब और शाहपुरा तालाब में मिलने वाले सीवेज को रोकने के लिए शहर के 23 लोकेशन पर नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे। निगम ने इन्हें बनाने के लिए जिला प्रशासन से 1 लाख 57 हजार 950 वर्गमीटर जमीन मांगी थी। प्रशासन ने यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इसमें से ज्यादातर जगह के लिए जमीन आरक्षण हो गया है।


निगम के अफसरों का तर्क है कि नए प्लांट बनने से बड़े तालाब, छोटे तालाब और शाहपुरा तालाब में जा रहे सीवेज को रोका जा सकेगा। ट्रीटेड पानी का उपयोग पौधे के लिए किया जा सकेगा। सीवेज के बचे हुए बेस्ट का इस्तेमाल खाद बनाने में होगा। तालाब में 45 छोटे-बड़े नाले हैं, जिनमें से 26 बरसाती और 19 नाले सीवेज के हैं। इसकी रोकथाम के लिए कोहेफिजा के पास 5 एमएलडी, जमुनिया छीर के पास 3.5 एमएलडी, सूरज नगर में 2 एमएलडी और नीलबड़ क्षेत्र में 6 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है।


कोहेफिजा प्लांट को 15 जनवरी तक और दो अन्य को मार्च 2020 तक शुरू कर दिया जाएगा। इन प्लांटों के शुरू होने से बड़े तालाब, छोटे तालाब और शाहपुरा थाने में जाने वाले सीवेज को रोका जा सकेगा। निगम प्रशासन को उम्मीद है कि दो साल के भीतर यह प्लांट बना लिए जाएंगे।



यहां पर बनाए जाएंगे नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
जाटखेड़ी, पंचशील नगर, प्रोफेसर कॉलोनी, बगली, मक्सी, मिसरोद, नेहरू नगर, सेवनिया गौड, मिसरोद, कोलार जेके हॉस्पिटल के पीछे, नेहरू नगर, शाहपुरा, सेक्टर सी, बंसल हॉस्पिटल के पीछे, अमलतास, बैरागढ़कलां-1, बैरागढ़कलां-2, सनखेड़ी, सलैया, बैरागढ़ चीचली, हिनोतिया आलम, जाटखेड़ी, बावड़िया कला, प्रियंका नगर, नीलबड़।


सुधरेगी पानी की क्वालिटी



एसटीपी बनने से फिल्टर प्लांट में सप्लाई होने वाले पानी की क्वालिटी में सुधार हो सकेगा। अभी बड़े तालाब से लिए जाने वाले पानी को साफ करने के लिए एलम और चूने का घोल मिलाना पड़ रहा है। एसटीपी बनाने के लिए प्रशासन से जमीन मांगी थी, ज्यादातर जगह पर प्लांट के लिए जमीन मिल रही है। प्लांट बनने से तालाबों में सीवेज को जाने से रोका जा सकेगा।